![’कथादेश’ की मौजूदा बहस और उद्भ्रांत](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhT7GDoF2-tHYkLmwYIEIH5NTWtgkqhN6kX8KS0brMHdWd_gPjuhNeVhWRBfGAEwrLK0vmonQW2M8nEF8SLN2ctcvYAteT_VE2Lnem9uLI7QfMosnOtRyYCUYoXagg6eiNHrBHykUPnQAk/s72-c/udabhrant.jpg)
प्रिय मित्रों, आपको स्मरण होगा कि गत वर्ष ‘कथादेश’ के मई, 2012 अंक में प्रकाशित, दो पूर्ण कविताओं के संदर्भ में सुश्री शालिनी माथुर के...
प्रिय मित्रों, आपको स्मरण होगा कि गत वर्ष ‘कथादेश’ के मई, 2012 अंक में प्रकाशित, दो पूर्ण कविताओं के संदर्भ में सुश्री शालिनी माथुर के...