दिनांक 10 जनवरी से 12 जनवरी तक विश्व हिंदी दिवस और प्रवासी उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर प्रारंभ किया जाएगा और 12 जनवरी को इसका समापन होगा। इस कार्यक्रम का आयोजन प्रवासी दुनिया. अक्षरम व हंसराज कालेज, दिल्ली विश्वविद्यालयद्वारा भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के सहयोग से किया जा रहा है।
विश्व हिंदी दिवस – विश्व हिंदी दिवस का कार्यक्रम भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के सहयोग से दिनांक 10 जनवरी सायंकाल 5.30 बजे आजाद भवन , आई.सी.सी.आर में किया जाएगा । इस कार्यक्रम मे दिल्ली में स्थित विभिन्न दूतावासों के हिंदी से प्रेम रखने वाले अधिकारियों को आमंत्रित किया जाएगा। इस अवसर पर देश – विदेश में हिदी को प्रतिष्टित करने में सहयोग करने वाले विद्वानों, हिंदी सेवियों को सम्मानित किया जाएगा। इसी क्रम में इस वर्ष पिछले 20 वर्ष से हिंदी सेवा कर रही संस्था यू. के. हिंदी समिति को विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा। इस बार के विश्व हिंदी दिवस का फोकस संयुक्त राष्ट संघ में हिंदी होगी और इस संबंध में विभिन्न देशों के प्रमुख व्यक्तियों, सासदो, से लाइव वार्ता दिखाई जाएगी।
11 से 12 जनवरी प्रवासी उत्सव और हिंदी के वैश्विक विमर्श संबंधी परिचर्चा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हंसराज कालेज,दिल्ली विश्वविद्यालय में किया जाएगा।
10 से 12 जनवरी 2012 तक दिल्ली में ‘विश्व हिंदी दिवस’
और ‘प्रवासी उत्सव’ का भव्य आयोजन
प्रस्तावित सत्र –
हिंदी और भारतीय भाषाओं का भविष्य
विदेशों में हिंदी शिक्षण- नए प्रयोग
प्रवासी साहित्य में स्त्री विमर्श
हिंदी व भारतीय भाषाओं के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का विकास
राजभाषा – बदलता परिप्रेक्ष्य
देवनागरी लिपि – लोकप्रिय करने के उपाय
रचना पाठ – शीर्षस्थ कवि, कहानीकार, व्यंगकार द्वारा पाठ
भारतविद्या संस्थानों के क्रियाकलापों पर विमर्श
दक्षिण अफ्रीका और मारिशस में हिंदी / ब्रिटेन और यूरोप में हिंदी/ अमेरिका, कनाडा में हिंदी/ आस्ट्रेलिया , न्यूजीलैंड, फिजी में हिंदी
प्रवासी मीडिया
हिंदी में रोजगार संबधी अवसर
युवा तथा भारतीय भाषाओं का साहित्य
प्रवासी उत्सव में चर्चा का केंद्र प्रवासी युवा व साहित्य संबंधी विमर्श का केंद्र बिदु युवाओं द्वारा रचा साहित्य होगा।
=============
सांस्कृतिक कार्यक्रम
============
11 जनवरी सायंकाल प्रसिद्ध साहित्यकार विष्णु प्रभाकर की स्मृति में उनके लोकप्रिय उपन्यास आवारा मसीहा के नाट्य रूपान्तरण की प्रस्तुति ।
12 जनवरी को सायंकाल उत्सव का समापन कला और संस्कृति के क्षेत्र में योगदान करने वाले प्रवासी भारतीयों का सम्मानित कर व चुनी हुई प्रवासी फिल्मों की प्रस्तुति के द्वारा कि11 से 12 जनवरी प्रवासी उत्सव और हिंदी के वैश्विक विमर्श संबंधी परिचर्चा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हंसराज कालेज,दिल्ली विश्वविद्यालय में किया जाएगा।
प्रस्तावित सत्र
=========
हिंदी और भारतीय भाषाओं का भविष्य
विदेशों में हिंदी शिक्षण- नए प्रयोग
प्रवासी साहित्य में स्त्री विमर्श
हिंदी व भारतीय भाषाओं के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का विकास
राजभाषा – बदलता परिप्रेक्ष्य
देवनागरी लिपि – लोकप्रिय करने के उपाय
रचना पाठ – शीर्षस्थ कवि, कहानीकार, व्यंगकार द्वारा पाठ
भारतविद्या संस्थानों के क्रियाकलापों पर विमर्श
दक्षिण अफ्रीका और मारिशस में हिंदी / ब्रिटेन और यूरोप में हिंदी/ अमेरिका, कनाडा में हिंदी/ आस्ट्रेलिया , न्यूजीलैंड, फिजी में हिंदी
प्रवासी मीडिया
हिंदी में रोजगार संबधी अवसर
प्रवासी मीडिया समूह – प्रवासी टुडे जैसी पत्रिकाओं व प्रवासी दुनिया.काम व प्रवासी टुडे.काम जैसी वेबसाइटों के माध्यम से व प्रवासी फिल्म उत्सव के आयोजन व अंतर्राष्ट्रीय हिंदी उत्सवो में सहयोग के माध्यम से प्रवासी मीडिया समूह प्रवासियों को भारत से जोड़ने के प्रयास में अपनी भूमिका का निर्वाह कर रहा है। जून 2005 में ब्रिटेन के हाऊस आफ लार्डस में प्रवासी टुडे के प्रकाशन के साथ इस समूह की स्थापना डा पदमेश गुप्त, अनिल जोशी, दिव्या माथुर, डा सत्येन्द्र श्रीवास्तव, सरोज शर्मा, तितिक्षा शाह, के.के श्रीवास्तव, नरेश भारतीय जैसे प्रमुख प्रवासियों के सहयोग से की गई थी। प्रवासी मीडिया समूह ने अक्षरम के साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय हिंदी उत्सवों के आयोजन और हिंदी ज्ञान प्रतियोगिता और अतर्राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों के माध्यम से वैश्विक स्तर पर हिदीं को प्रतिष्टित करने का कार्य किया । प्रवासी फिल्म उत्सव, 2010 के आयोजन से इसकी प्रतिष्टा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी ऊंचाइ पर चली गई । प्रवासी फिल्म उत्सव प्रवासियों को भारत से जोड़ने के कार्य में एक मील का पत्थर बना और इस कार्यक्रम में मीरा नायर, दीपा मेहता, शर्मिला टैगोर, सोहा अली , प्रकाश झा, सतीश कौशिक, बासु चटर्जी, राहुल रवेल, मनोज बाजपेयी जैसे प्रतिष्ठित फिल्मकारों ने भाग लिया। वैश्वीकरण के इस दौर में प्रवासी भारतीयों को जोड़ने के विशाल अभियान में इंटरनेट के माध्यम से प्रवासी टुडे.कामव प्रवासी दुनिया.काम की स्थापना से वैश्विक स्तर लाखों की संख्या में प्रवासी जुड़े और देखते –देखते यह दोनों वेबसाइट अपनी-अपनी भाषाओं में शीर्षस्थ वेबसाइट बन गई जिन्हें इस समय लगभग 175 देशों को 6600 शहरों के 10000 प्रवासी रोज पढ़ते हैं। पत्रिका , वेबसाइट और कार्यक्रमों के माध्यम से प्रवासी मीडिया समूह विश्व भर के प्रवासियों को भारत से जोड़ने का सबसे बड़ा मंच बन गया है।
अक्षरम- पिछले 10 वर्षौं से हिंदी को राष्ट्रीय – अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्टित करने के कार्य में संलग्न संस्था अक्षरम इस समय हिंदी की देश की सबसे सक्रिय और प्रभावशाली संस्था है। अंतर्ऱाष्ट्रीय हिंदी उत्सव और हिंदी ज्ञान प्रतियोगिता जैसे अतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों के माध्यम से अक्षरम ने दुनिया भर के हिंदी सेवियों और साहित्यकारों को एक मंच पर लाने का महती प्रयत्न किया है। प्रत्येक वर्ष जनवरी-फरवरी में होने वाले अंतर्राष्टीय हिंदी उत्सव व अन्य कार्यक्रमों मे देश-विदेश के प्रमुख लेखक साहित्यकारों में डा कर्णसिंह, कुंवरनारायण, अशोक बाजपेयी, प्रभाष जोशी, प्रभाकर श्रोत्रिय, अशोक चक्रधऱ, रविन्द्र कालिया, गिरिराज किशोर, केदारनाथ सिंह, ज्ञान चतुर्वेदी, कमलेश्लर, चित्रा मुदगल, राजी सेठ, नरेन्द्र कोहली, रामदरश मिश्र, राहुल देव, वेदप्रताप वैदिक, उदय प्रकाश , डा सत्येन्द्र श्रीवास्तव, सुषम बेदी, मदनलाल मधु, नरेश भारतीय, दिव्या माथुर, उषा राजे सक्सेना , कन्हैयालाल नंदन जैसे साहित्यकार-पत्रकार भाग ले चुके हैं।.. भाग ले चुके हैं। हिदीं ज्ञान प्रतियोगिता के अंतर्गत यूरोप के देशों में एक हिदीं ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता हैं और चयनित विद्यार्थियों को अगस्त मास में भारत यात्रा के लिए आमंत्रित किया जाता है। त्रेमासिक पत्रिका अक्षरम संगोष्ठी के माध्यम से अक्षरम ने भारतीय और प्रवासी साहित्य के बीच एक पुल का काम किया है।
विस्तृत कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। इसकी अद्यतन जानकारी निरंतर प्रवासी दुनिया.काम व प्रवासी टुडे पर दी जाती रहेगी। प्रतिभागी फार्म संलग्न है।
आयोजन समिति
संरक्षक- डा रत्नाकर पांडेय, डा अशोक चक्रधर, श्रीमती कमला सिंघवी, श्री विश्वनाथ, श्री संतोष तनेजा, श्री नरेन्द्र वर्मा
मार्गदर्शक- डा रामदरश मिश्र, डा प्रभाकर श्रोत्रिय, श्रीमती चित्रा मुद्गगल, डा वेदप्रताप वैदिक, राहुल देव, डा ओम विकास, बाल स्वरूप राही, डा सादिक
परामर्श – डा लक्ष्मी शंकर बाजपेयी, ( आकाशवाणी) श्री ब्रजेनद्र त्रिपाठी ( साहित्य अकादमी) श्री अजय गुप्ता ( भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद) श्री विजय कुमार मल्होत्रा, श्री बालेंदु दधीच
संयोजन समिति – अनिल जोशी , नारायण कुमार, डॉ रमा सिंह, नरेश शांडिल्य, डॉ विमलेश कांति वर्मा, सरोज शर्मा , अल्का सिन्हा, चैतन्य प्रकाश, शशिकांत, अतुल प्रभाकर, हर्ष वर्धन
विदेश – डा पदमेश गुप्ता दिव्या माथुर डा निखिल कौशिक ( ब्रिटेन) डा पुष्पिता ( हांलेंड) डा धनजंय कुमार, सुधा ओम ढींगरा, श्रीमती अनिता कपूर, श्रीमती मृदुल कीर्ति, श्रीमती लावण्या शाह ( अमरीका) श्रीमती मीना चोपड़ा , श्रीमती इंदिरा धीर , श्री वेद तंवर ( कनाडा) डा हरजेन्द्र चौधरी ( जापान) श्री विनोद संदलेश ( दक्षिण अफ्रीका) श्री रामबीर शर्मा ( फिजी) श्रीमती अल्का धनपत ( मारिशस) श्रीमती रेखा राजवंशी ( आस्ट्रेलिया)
प्रतिभागी फार्म
1. नाम
2. पता
3. ई-मेल
4. फोन नं
5. संक्षिप्त जीवन परिचय
वैचारिक व साहित्यिक सत्रों व सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सहभागिता निशुल्क है।
परंतु तीन दिनों में जलपान व भोजन की व्यवस्था व प्रतिभागी फोल्डर इत्यादि के साथ प्रतिभागी शुल्क 2000 रू है। आवास का इंतजाम स्वयं प्रतिभागियों को करना होगा।
प्रतिभागी शुल्क 2000 रू ( भारत) ब्रिटेन 50 पौंड, अमेरिका व अन्य देश 100 डालर
चैक या ड्राफ्ट pravasi today के नाम से भेजे जा सकते हैं।
पता – प्रवासी दुनिया , दूसरा तल, 51 रानी झांसी रोड, झंडेवालान, पहाड़गंज, नई दिल्ली -55
ईमेल-pravasiduniya@gmail.com
0 टिप्पणियाँ:
Post a Comment