विगत वर्ष वर्धा में हुई दो दिवसीय हिंदी ब्लॉगिंग को केंद्र में रखकर आयोजित संगोष्ठी की यादें ताज़ा हो गयी कल्याण में दिनांक ९-१० दिसंबर को आयोजित हिंदी ब्लोगिंग संगोष्ठी में. इसे महज संयोग ही कहा जा सकता है कि वर्धा संगोष्ठी के संयोजक सिद्दार्थ शंकर त्रिपाठी जी बाला जी इंटरनेशनल होटल का कमरा और कल्याण स्थित के. एम. अग्रवाल कॉलेज में आयोजित संगोष्ठी तक मेरे सहयात्री रहे .केवल वहीं तक नहीं लखनऊ वापसी तक भी हम साथ-साथ रहे . ब्लोगिंग के कई मुद्दों पर बड़ी सहजता से अपनी बात रखने की उनकी कला मुझे बहुत पसंद आई. इतनी बातें शायद मैं ब्लॉग पर या मेल के माध्यम से उनसे नहीं कर सकता था जो यात्रा के दौरान करने में सफल हुआ. अच्छा लगा आभासी दुनिया से अलग यात्रा का सहभागी बनकर. संगोष्ठी का लाईव वेब प्रसारण आपने देखा होगा USTREAM पर, जिसकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहे थे हिंद युग्म के शैलेश भारतवासी . इसके साथ ही जब तक उनकी बारी नहीं आई,निर्वाध रूप से ब्लॉग पर संगोष्ठी को अपडेट किया सिद्दार्थ शंकर त्रिपाठी ने अपने ब्लॉग सत्यार्थ मित्र पर. लगभग छ: सत्रों में संपन्न इस संगोष्ठी में हिंदी ब्लॉगिंग के विविध आयाम पर विस्तृत चर्चा हुई . मुम्बई की डा. संगीता सहजवानी ने अपने आलेख “अंतरराष्ट्रीय चौपाल पर आप सब आमन्त्रित हैं" के माध्यम से जहां मोहक प्रस्तुति दी वहीं डॉ. शशि मिश्रा ने रचना त्रिपाठी के ब्लॉग से यह उद्धरण भी दिया, कि हम और विरना खेले एक साथ,खेले एक साथ अम्मा खायें एक साथ ।विरना कलेवा अम्मा हँसी-हँसी देबो,हमरा कलेवा तुम दीजो रिसियायी। डॉ. पवन अग्रवाल ने कहा "ब्लॉग की तुलना पारम्परिक डायरी से मत करिए" वहीं बस्ती से आये डॉ. बलजीत श्रीवास्तव जी भी ब्लॉगिंग के स्वरूप पर अपना पर्चा पढ़ा . रवि रतलामी जी, अविनाश वाचस्पति , डा. अशोक कुमार मिश्र, डा. हरीश अरोरा, अनूप सेट्ठी,युनुस खान,चन्द्र प्रकाश मिश्र, विनीता रानी, सिद्दार्थ शंकर त्रिपाठी,अनिता कुमार,केवल राम आदि खुलकर ब्लॉगिंग के विविध आयाम को रेखांकित किया. मैंने भी ब्लॉग क्यों बनाया जाए और डा. शशि मिश्रा के द्वारा इस प्रश्न के उत्तर पर कि ब्लॉग किस चिड़िया का नाम है. ब्लॉग को व्याख्यायित करने का प्रयास किया. शैलेश भारतवासी और सिद्दार्थ शंकर त्रिपाठी ने भी अपने वक्तव्य से मंत्रमुग्ध कर दिया. रवि जी उदघाटन सत्र के दौरान हिंदी ब्लॉगिंग के प्रारंभिक चरणों की तथा वर्तमान सन्दर्भों विषद विवेचना पावर पोईन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से किया. कॉलेज की प्राचार्या अनिता मन्ना और संयोजक डा. मनीष कुमार मिश्र ने मेहमानवाजी में कोई कसर नहीं छोड़ा. उदघाटन सत्र के दौरान हिंदी ब्लॉगिंग की प्रकाशित तीसरी पुस्तक जो डा. मनीष कुमार मिश्र ने संपादित किया है का लोकार्पण भी हुआ .इस पर विस्तार से पूरी रपट अनिता कुमार जी ने तैयार किया है, जिसे हम परिकल्पना ब्लॉगोत्सव पर प्रकाशित है .....तबतक आप कल्याण हिंदी ब्लॉगिंग संगोष्ठी की कुछ महत्वपूर्ण झलकियाँ देखें :
(बाएँ से (खड़े हुए) केवलराम, डॉ.अशोक कुमार मिश्र, अविनाश वाचस्पति, डॉ.हरीश अरोरा, चन्द्र प्रकाश मिश्र
बाएँ से (बैठे) सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी, रवीन्द्र प्रभात, अनिता कुमार, रवि रतलामी)
पुस्तक : हिंदी ब्लॉगिंग स्वरुप,व्याप्ति और संभावनाएं जिसका लोकार्पण हुआ
पुस्तक लोकार्पण
संस्था द्वारा कुछ ब्लॉगर मित्रों को अपने मंच पर ‘ब्लॉगभूषण सम्मान’ से सम्मानित किया। सम्मान सवरूप इन्हें प्रशस्ति पत्र, पुष्पगुच्छ व शाल भेंट की गयी।
जो सम्मानित हुए उनके नाम हैं : रवि रतलामी, रवीन्द्र प्रभात, अविनाश वाचस्पति, सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी, शैलेश भारतवासी, डॉ. हरीश अरोरा एवम् डॉ. अशोक कुमार मिश्र।
जो सम्मानित हुए उनके नाम हैं : रवि रतलामी, रवीन्द्र प्रभात, अविनाश वाचस्पति, सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी, शैलेश भारतवासी, डॉ. हरीश अरोरा एवम् डॉ. अशोक कुमार मिश्र।
अविनाश वाचस्पति
डॉ.हरीश अरोरा
रवि रतलामी
सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी
रवीन्द्र प्रभात
अब विषय विशेषज्ञ की बारी :
ऊपर: रवीन्द्र प्रभात, नीचे (अगली पंक्ति में) अनिता कुमार, शैलेश भारतवासी, रवि रतलामी, केवलराम
वाएं से रवीन्द्र प्रभात,देवी नागरानी,शैलेश भारत वासी,अविनाश वाचस्पति,सिद्दार्थ शंकर त्रिपाठी,डा. संगीता सहजवानी
युनुस खान
उपस्थित प्रतिभागी
महाविद्यालय की प्राचार्या अनिता मन्ना
पावर पॉइंट प्रजंटेशन करते रवि रतलामी
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