
हिन्दी भाषा की विविधता, सौन्दर्य, डिजिटल और अंतराष्ट्रीय स्वरुप को विगत 10 वर्षों से वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठापित करती आ रही लखनऊ की संस्था परिकल्पना के द्वारा नयी दिल्ली, लखनऊ, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, थाईलैंड, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, इन्डोनेशिया और मॉरीशस के बाद इस वर्ष
11 वां अंतरराष्ट्रीय हिन्दी उत्सव 26 मई से 2 जून तक वियतनाम और
कंबोडिया के विभिन्न शहरों क्रमश: हो ची मिन्ह सिटी, कैन थो, चाऊ डॉक, नोम फेनह और
सिम रीप में किया गया। पहले दिन का उदघाटन सत्र भारतीय महावाणिज्य दूतावास (वियतनाम), परिकल्पना (भारत) और इंडियन बिजनेस चैंबर इन वियतनाम के संयुक्त तत्त्वावधान में दिनांक 26 मई को कलब हाउस हो ची मिन्ह
सिटी में आयोजित किए गए। दूसरे दिन का कार्यक्रम एलीओस सभागार हो ची मिन्ह सिटी
में आयोजित हुआ जिसके प्रयोजक थे परिकल्पना (भारत) और इंडियन बिजनेस चैंबर इन वियतनाम। इसी प्रकार लघुकथा और हाइकू पर
केन्द्रित कार्यक्रम सैम सीएम रीप सभागार सीम रीप कंबोडिया में तथा समापन इकोटेल
सभागार बैंकॉक में हुआ, जिसके प्रयोजक थे परिकल्पना (भारत) और माधवी फाउंडेशन।

इसके अलावा श्री मती कुसुम वर्मा (लखनऊ) तथा डॉ. रेखा कक्कड़
(आगरा) की कला प्रदर्शनियों के साथ-साथ श्री मती आभा प्रकाश (लखनऊ) की एम्ब्रायडरी
कला और पुस्तक प्रदर्शनियों के लोकार्पण के साथ-साथ डॉ राम बहादुर मिश्र और श्री
मती कुसुम वर्मा को परिकल्पना का अंतरराष्ट्रीय शीर्ष उत्सव सम्मान एवं भारतीय मूल
की वियतनामी हिन्दी सेवी श्री मती साधना सक्सेना एवं वियतनामी मूल के हिन्दी सेवी
फेन दिन हयूयांग को परिकल्पना सम्मान प्रदान किए गए। वहीं भारत से पधारे 55
साहित्यकारों का ‘‘परिकल्पना‘‘ द्वारा,
चार
साहित्यकारों का ‘‘माधवी फाउंडेशन‘‘ के द्वारा, ‘‘रेयान मंच‘‘ की ओर से चार साहित्यकारों का तथा साहित्यिक संस्था ‘‘साहित्य धारा‘‘ द्वारा पाँच साहित्यकारों का सारस्वत
सम्मान भी किया गया। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश की संस्था अवध भारती संस्थान की
ओर से रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में चार साहित्यकारों का सम्मान किया गया। साथ
ही कई शहरों में परिचर्चा सत्र और कवि सम्मेलन भी आयोजित हुये।
इस अवसर पर परिकल्पना समय के प्रधान
संपादक डॉ रवीन्द्र प्रभात ने कहा कि "हमारी आने वाली पीढ़ी इस सुगन्धित वातावरण
से गुलज़ार रहेगी। विश्व के सभी देशों में चाहे वह अमेरिका हो या अफ्रीका, क्षेत्रीय लोकभाषाओं की मृत्यु के भयानक आँकड़े मिलते हैं। इन्हीं सब घटनाओं ने मुझे हिन्दी उत्सव के आयोजन को एक मूर्त रूप देने की सार्थक दिशा दी। यह ग्यारहवाँ हिन्दी उत्सव हिन्दी भाषा को और समृद्ध करने की रचनात्मक पहल
है। हम चाहते हैं कि हिन्दी भाषी समाज के साथ-साथ ही आप भारतीय भाषाओं के साथ भी
जुड़ें और भाषायी विकास को रोशन करें।"
वियतनाम में भारत के प्रधान कौंसुल श्री जे सी कंदपाल ने कहा, कि " यह हिन्दी उत्सव भाषा और
साहित्य की तकनीकी प्रगति को समर्पित है। हिन्दी उत्सव वह स्थान है जहाँ हम हिन्दी के प्रति अपनी
प्रतिबद्धताओं का प्रदर्शन करते हैं, बिना किसी प्रकार का संकोच किये। और यह
स्थान वह भी है जहाँ से हम हिन्दी भाषा और साहित्य से गैर हिन्दी भाषियों को
अवगत कराते है।"
वियतनाम में भारतीय व्यापार कक्ष के उपाध्यक्ष श्री मुनिश
गुप्ता ने कहा कि "हिन्दी उत्सव के आयोजन के माध्यम से हम वियतनाम की सक्रिय संस्थाओं को एक मंचप्रदान करने जा रहे हैं। इस
आयोजन से यहाँ के हिन्दी लेखकों, शिक्षकों और विद्यार्थियों को प्रेरणा और मनोबल मिलेगा। वियतनाम में हिन्दी उत्सव का आयोजन विभिन्न शहरों में हो रहा है जिससे हम अधिक से अधिक
लोगों तक पहुँच सकें और हिन्दी का व्यापक प्रचार कर
सकें।"
वियतनाम में हिन्दी प्रचार-प्रसार गतिविधियों पर टिप्पणी के क्रम में भारतीय मूल
की वियतनामी हिन्दी सेवी एवं भारतीय अध्ययन विभाग,सामाजिक विज्ञान और मानविकी
विश्वविद्यालय हो ची मिनह सिटी वियतनाम की हिन्दी विभागाध्यक्ष श्री मती साधना सक्सेना ने कहा कि " हिन्दी विश्व की एक प्रमुख भाषा है और जब मैं वियतनाम में हिन्दी के शब्दकोश की रचना कर रही थी, तो मेरे ही एक शिष्य फेन दीन्ह ने मुझे सहयोग दिया और हम दोनों ने मिलकर अथक प्रयास के बाद इस शब्दकोश को प्रकाशित करने में सफलता पायी।
0 टिप्पणियाँ:
Post a Comment