लखनऊ, उ. प्र., भारत की गैर व्यावसायिक संस्था ‘‘परिकल्पना‘‘ द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी और हिंदी-संस्कृति को प्रतिष्ठित करने के लिए विगत एक दशक से सक्रिय है। इसके अंतर्गत संस्था द्वारा प्रत्येक छमाही में क्रमशः ‘‘अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगोत्सव‘‘ एवं ‘‘अंतरराष्ट्रीय हिन्दी उत्सव‘‘ का आयोजन किया जाता रहा है। संस्था द्वारा यह आयोजन विगत एक दशक में भारत की राजधानी दिल्ली, सांस्कृतिक राजधानी लखनऊ, नेपाल की राजधानी काठमाण्डू, भूटान की राजधानी थिंपु और सांस्कृ तिक राजधानी पारो, श्रीलंका की राजधानी कोलंबो और सांस्कृतिक राजधानी कैंडी, थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक और सांस्कृतिक राजधानी पटाया, न्यूजीलैंड की राजधानी ऑकलैंड और सांस्कृतिक राजधानी हेमिल्टन, सिंगापूर, मलेशिया की राजधानी क्वालांपुर और सांस्कृतिक राजधानी जोहोर बहरू, इन्डोनेशिया की राजधानी जकार्ता और सांस्कृतिक राजधानी बाली, मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुई तथा वियतनाम और कंबोडिया के कई शहरों यथा हो ची मिन्ह सिटी, कैन थो, चाउ डॉक, नोम पेनह और सिम रीप में क्रमशः ‘‘अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगोत्सव‘‘ एवं ‘‘अंतरराष्ट्रीय हिन्दी उत्सव‘‘ का आयोजन किया जा चुका है और इस अवसर पर विश्व के लगभग 600 हिन्दी सेवियों को ‘‘परिकल्पना सम्मान‘‘ से नवाजा जा चुका है।

उल्लेखनीय है, कि संस्था का पिछला हिन्दी उत्सव वियतनाम और कंबोडिया के कई शहरों यथा हो ची मिन्ह सिटी, कैन थो, चाउ डॉक, नोम पेनह और सिम रीप में विगत 26 मई से 02 जून तक आयोजित हुआ था,  जिसके अंतर्गत हिन्दी, अवधी, भोजपुरी सहित कई भारतीय भाषाओं के ख्यातिलब्ध कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, पुस्तक लोकार्पण, कला प्रदर्शनी, कवि सम्मेलन, सम्मान समारोह आदि आयोजित हुये। 

संस्था द्वारा किए जा रहे प्रयासों और पहलों के अनुक्रम में आगामी 06 जनवरी 2020 से 13 जनवरी 2020 तक दक्षिण भारत के प्रमुख शहर कोच्चि और मालदीव की राजधानी माले में अंतरराष्ट्रीय हिन्दी उत्सव का आयोजन किया गया है। 

भारत के दक्षिण में हिंद महासागर में छोटे-से देश मालदीव के करीब 1100 द्वीप कुदरत के किसी नजराने से कम नहीं हैं। करोड़ों साल से मूंगे के इकट्ठा होते जाने से बने ये द्वीप हल्के नीले रंग के नजर आते हैं और सफेद रेत वाले इनके किनारे समंदर में घुलते हुए लगते हैं। 

मालद्वीप के टापुओं की खासियत है कि ये बेहद साफ हैं और इनके किनारे सफेद महीन बालू रेत से बने हैं। जहां जमीन समंदर में उतरती है वहां पानी रंगहीन नजर आता है। थोड़ा आगे जाने पर हरा, थोड़ी ज्यादा दूरी पर हल्का नीला, और बीच समंदर में गहरा नीला। समंदर की गहराई बढने के साथ पानी का रंग भी बदलता नजर आता है।     मालदीव में 1192 छोटे-छोटे कोरल द्वीप हैं। इन द्वीपों के 26 द्वीपसमूह हैं। कुल दो सौ ही द्वीपों पर स्थानीय आबादी रहती है। कुल 12 द्वीपसमूहों पर 89 रिसॉर्ट सैलानियों के लिए हैं। मालदीव इस खूबसूरती के साथ समुद्र पर बसा हुआ है कि अगर आप राजधानी माले में न हों तो वहां आपको हर पल समुद्र पर ही होने का अहसास मिलेगा। मालदीव को 2006 में ‘‘वर्ल्ड ट्रैवल अवार्ड्स‘‘ में दुनिया की ‘‘बेस्ट डाइव डेस्टिनेशन‘‘ के खिताब से नवाजा गया था।

यात्रा की शुरुआत 06 जनवरी 2020 को दिल्ली के इन्दिरा गांधी एयरपोर्ट से सुबह 7 बजे कोच्चि के लिए होगी। कोच्चि मे हम कोच्चि और मुनार के पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर दिनांक 08 जनवरी को क्रूज से मालदीव के लिए प्रस्थान करेंगे। इस प्रकार हम क्रूज मे तीन रातें और चार दिन गुजारेंगे। इस दौरान हम अनेकानेक गतिविधियों मे हिस्सा लेंगे, अनेक दर्शनीय स्थलों का दीदार करेंगे और छठे दिन माले पहुंचेंगे। यह पूरी यात्रा आठ दिनों की होगी। माले से दिल्ली फ्लाइट से 13 जनवरी को वापसी होगी।

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