लखनऊ (८ फरवरी ) नज़ाकत, नफ़ासत और तमद्दुन का शहर लखनऊ में क़ल की शाम मीडिया और ब्लॉग जगत के नाम रही ! मीडिया जगत के इतिहास में जहां सोमवार को एक नया पन्ना जुड़ गया, वहीं बाहर से आये और शहर के कुछ नामचीन ब्लोगरों व साहित्यकारों के बीच खुलकर हुई बिभिन्न सामाजिक मुद्दों पर चर्चा ।अवसर था हिंदी के चर्चित ब्लोगर डा. सुभाष राय के संपादन में प्रकाशित हिंदी दैनिक "जन सन्देश टाईम्स " के लोकार्पण का ! आईये पहले लोकार्पण से जुड़े समाचार की ओर रुख करते हैं !
हिन्दी दैनिक जनसंदेश टाइम्स का विधानसभाध्यक्ष सुखदेव राजभर के हाथों गन्ना संस्थान के सभागार में लोकार्पण संपन्न हुआ। इस अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों से श्रेष्ठ लेखक, कवि, चिंतक, रंगकर्मी, कथाकार और पत्रकार जुटे। सबने एक स्वर से जनसंदेश टाइम्स के इस संकल्प की पुरजोर हिमायत की कि साहित्य और संस्कृति के जनसंवाद को तेज किया जाना चाहिए, भ्रष्टाचार के खिलाफ युद्ध छेड़ा जाना चाहिए और मनुष्य एवं मनुष्यता को समाज और विचार के केन्द्र में लाया जाना चाहिए।
जनसंदेश टाइम्स के नये कलेवर और साज-सज्जा ने जहां एक ओर विद्वानों,पत्रकारों और आलोचकों का ध्यान खींचा, वहीं वंचित और गरीब लोगों की लड़ाई लड़ने के उसके संदेश को भी प्राय: सबकी सहमति मिली। मंगलवार से जनसंदेश टाइम्स अपने पाठकों के हाथ में होगा। समारोह की अध्यक्षता की हिंदी जगत के मूर्धन्य साहित्यकार असगर वजाहत ने। विशिष्ट अतिथियों में जाने-माने गीतकार सोम ठाकुर, श्रेष्ठ कवि नरेश सक्सेना, प्रसिद्ध रंगकर्मी सूर्यमोहन कुलश्रेष्ठ, कथाकार एवं तद्भव के संपादक अखिलेश मंच पर मौजूद थे। मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा की उपस्थिति महत्वपूर्ण रही। जनसंदेश टाइम्स को लेआउट,डिजाइन और स्टाइल शीट देने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फाइन आर्ट्स विभाग के अध्यक्ष अजय जेटली का मंच पर सम्मान किया गया। सम्मान्य अतिथियों को बुके भेंट कर उनके प्रति आदर जताया गया।
सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन के बाद विधिवत आरम्भ हुए समारोह का संचालन संस्कृति कर्मी अजित राय ने किया। हरिश्चन्द्र के तबला वादन पर महेश मिश्र की सरस्वती वंदना ने सबका ध्यान खींचा। बाद में नीतीश्वर कुमार आईएएस का सुफ्यूजन श्रोताओं को चेतना के दूसरे लोक में उतारने में कामयाब रहा। सुफ्यूजन का संचालन कवि एवं लेखक निर्मलेन्दु ने किया। इस मौके पर राजनीतिक तथा सामाजिक क्षेत्रों से जुड़े अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे। साथ में देश भर के अनेक हिस्सों से आए रचनाधर्मियों, कलाकारों, पत्रकारों के अलावा राजधानी के साहित्य, कला एवं मीडिया क्षेत्र की अनेक प्रमुख हस्तियों की मौजूदगी ने कार्यक्रम को गरिमामय बना दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार असगर वजाहत ने कहा कि आज जनसंदेश टाइम्स को देखने से पता चला कि यह समाज निर्माण में अपनी अहम् भूमिका निभाने जा रहा है। इसने उस तबके को तव्वजो दी है जो समाज में अपंग माना जाता है। वर्तमान में अखबारों से साहित्य गायब हो गया है। उसे पुन: वापस लाया जाए, आज इसकी सख्त जरूरत है। वरिष्ठ गीतकार सोम ठाकुर ने कहा कि आज स्थिति काफी विचित्र हो गयी है। जनसंदेश टाइम्स ने जीवन मूल्यों की रक्षा का सराहनीय संकल्प लिया है। सुप्रसिद्ध कवि नरेश सक्सेना ने इस बात पर बल दिया कि मीडिया को अपने कथ्य एवं प्रस्तुति पर खास ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर खुशी जतायी कि जनसंदेश टाइम्स ने उन मूल्यों एवं संस्कृतियों के संरक्षण पर बल देने की इच्छा शक्ति दर्शायी है जो धीरे-धीरे तिरोहित हो रही है।
वरिष्ठ रंगकर्मी सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ ने कहा कि आज के समाचार पत्रों में साहित्य और संस्कृति के स्थान पर राजनीति एवं अपराध को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है। इस समाचार पत्र से आशा है कि वह इस चुनौती का डटकर मुकाबला करेगा तथा साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देगा। श्री कुलश्रेष्ठ ने कहा कि यह एक ऐसा निंदक बनेगा, जिसे सभी अपने पास रखेंगे। साहित्यकार अखिलेश ने कहा कि शब्द की दुनिया में आज एक और समाचार पत्र का लोकार्पण हुआ। शब्द पवित्र होता है और इसे जहां हम एक तरफ ब्रह्म मानते हैं, वहीं दूसरी तरफ उसी शब्द से गलत फैसला सुनाये जाने से किसी को सजा हो जाती है। अखिलेश ने कहा कि मुझे आशा है कि जनसंदेश टाइम्स समाज के निचले तबके की आवाज बुलन्द कर उनको न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। इस मौके पर जनसंदेश टाइम्स के सम्पादक सुभाष राय ने कहा कि समाज को हम अपने समाचार पत्र के माध्यम से रचनात्मक दिशा में ले जाने का प्रयास करेंगे। समाचार पत्र में पाठकों को कला, साहित्य और संस्कृति व्यक्तित्व का परिष्कार करती है इसलिए जनसंदेश टाइम्स में इनके लिए ज्यादा जगह होगी। श्री राय ने कहा कि वर्तमान समय में भ्रष्टाचार सबसे ज्यादा चर्चित विषय है।
इसके कारण समाज के वंचितों और गरीबों का हक उन्हें नहीं मिल पा रहा है। हम अपने समाचार पत्र के माध्यम से भ्रष्टाचार को उजागर कर वंचितों को उनका हक दिलाने का प्रयास करेंगे। महापौर डा.दिनेश शर्मा ने कहा कि सांस्कृतिक प्रदूषण समाचार पत्र का रेवेन्यू बढ़ा सकता है लेकिन नैतिक मूल्यों को नहीं। डा.शर्मा ने कहा कि मीडिया को चाहिए कि वह खबरों को सनसनीखेज बनाने की जगह अपने दायित्वों का सही ढंग से निर्वहन करे। उन्होंने कहा कि पत्रकार स्वतंत्र हों, साथ ही उनकी मानीटरिंग भी जरूरी है। समारोह के अंत में जनसंदेश टाइम्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सौरभ जैन ने सबके प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
समानांतर मीडिया का स्वरुप ले चुके ब्लॉग जगत की कुछ नामचीन हस्तियों की इस अवसर पर उपस्थिति कार्यक्रम की भव्यता को गरिमा प्रदान कर गयी !जानेमाने साहित्यकार श्री असगर वजाहत, जंतर-मंतर ब्लॉग के संचालक श्री शेष नारायण सिंह, एनएसडी के श्री अजित राय, दिल्ली के ब्लॉगर श्री यशवंत सिंह तथा श्री अविनाश वाचस्पति, आगरा से पधारे श्री संजीव गौतम एवं श्री महाराज सिंह परिहार तथा लखनऊ के ब्लॉगर्स श्री रवीन्द्र प्रभात, श्री जाकिर अली रजनीश , श्री सर्वत जमाल, सुश्री प्रतिभा कटियार, श्रीमती अल्का सर्वत मिश्रा एवं श्रीमती प्रतिभा मिश्रा की आपस में ब्लॉग एवं समाज के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई।
ब्लॉगर मिलन के दौरान भड़ास ब्लॉग के संचालक श्री यशवंत सिंह ने कई सामाजिक और सांस्कृतिक पहलूओं पर श्री असगर वजाहत,श्री अजित राय और श्री शेष नारायण सिंह के साक्षात्कार लिए ! एक प्रश्न के उत्तर में श्री असगर वजाहत ने कहा कि " लखनऊ यद्यपि सांस्कृतिक और कला का केंद्र है,इसलिए यहाँ के बुद्धिजीवियों को हर समय अपनी सांस्कृतिक विरासत को बचाए रखने की जुगत करनी होगी !" वहीं श्री अजित राय ने एक सामाजिक मुद्दा उठाते हुए कहा कि हमारे देश में कम्युनिष्ट विचारधारा की प्रमुखता होने के बावजूद सडकों पर आम आदमी सहम कर चलता है जबकि यूरोपियन कंट्री में पूँजीवाद का प्रखर स्वरुप होने के बावजूद वहां की सडकों पर आम आदमी को दृढ़ता के साथ चलने की सहूलियत दी जाती है !" श्री शेष नारायण सिंह ने माना कि अभी भी हमारे देश में शैक्षणिक जागरूकता का अभाव है !
इस अवसर पर दिल्ली से पधारे प्रमुख व्यंग्यकार और नुक्कड़ ब्लॉग के संचालक श्री अविनाश वाचस्पति ने कहा कि " श्री सुभाष राय जी की ब्लोगिंग के प्रति श्रद्धा का ही प्रतिफलन है कि आज अखबार के लोकार्पण में ब्लॉगजगत को महत्व दिया गया है , यानी हमारी ताक़त दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है,मुझे उम्मीद है कि अगले दस वर्षों में ब्लोगिंग अभिव्यक्ति का मुख्य माध्यम हो जाएगा !"
हिंदी ब्लोगिंग के मुख्य समालोचक और साहित्यकार श्री रवीन्द्र प्रभात ने ब्लोगर मिलन के दौरान कहा कि "बिना किसी भय-भ्रम-भ्रान्ति के अभिव्यक्ति को निरंतर धार देते रहना ही ब्लोगिंग की पहली अनिवार्यता है और भविष्य की योजनाओं/परियोजनाओं/कार्यक्रमों के दृष्टिगत पूर्व नियोजित सोच बनाना दूसरी अनिवार्यता है !इन दोनों अनिवार्यताओं को लेकर चलना होगा तभी हम ब्लोगिंग को एक नई दिशा देने में सफल हो सकेंगे !"
प्रमुख गज़लकार और ब्लोगर श्री सर्बत ज़माल तथा हिंदी के प्रमुख बाल साहित्यकार और ब्लोगर श्री जाकिर अली रजनीश ने भी महसूस किया कि आने वाला क़ल ब्लोगिंग का है !आई नेक्स्ट की उप संपादक और ब्लोगर शुश्री प्रतिभा कटियार का मानना था कि " बड़ी तेजी से ब्लोगिंग आम जन के बीच अपनी पैठ बनाने में कामयाब हो रही है !"
( लखनऊ से सांस्कृतिक प्रतिनिधि की रपट )
20 टिप्पणियाँ:
सुंदर और सारगर्भित रिपोर्टिंग के लिए बधाई ...
" बड़ी तेजी से ब्लोगिंग आम जन के बीच अपनी पैठ बनाने में कामयाब हो रही है !
एकदम सही बात.
भव्य सार्थक आयोजन .आभार विस्तृत रिपोर्ट का.
बाह ! रवीन्द्र जी,अविनाशजी, जाकिर जी जैसे प्रबुद्ध ब्लॉगरों के कारण ही यह ब्लॉगजगत समृद्धि की और तेजी से अग्रसर है......यह सुखद है कीलखनऊ के प्रमुख हिंदी दैनिक के मुख्या संपादक भी ब्लॉगर वर्ग से ही हैं, यही कारण है की उनके मन में ब्लॉगरों के प्रति असीम श्रद्धा है !
वाह बहुत बढ़िया प्रयास है.....ब्लोगिंग सही दिशा में आगे बढ़ रहा है......
अखबार पत्रकारिता में अपना कीर्ति स्थान बनाए।
Jald hi Sheeersh Hindi dainik banne ke liye Jan Sandesh Times ko shubhkaamnaayen..
in saarthak goshthiyon se blogger ki pahchaan gahri hoti jaa rahi hai...
बहुत विस्तार से अच्छी रिपोर्टिन्ग की गयी।आभी को बहुत बहुत बधाई।
जनसंदेश का लोकार्पण संदेश बहुत उम्मीद बंधा रहा है । कोई संदेह नहीं कि देश को इस तरह की मीडिया-पहल की जरूरत है। मीडिया आपातकाल के इस दौर में, इस राह पर चलने के लिए ईश्वर जनसंदेश टीम को शक्ति, साधन, धैर्य दें। हमारी यही शुभकामना है।
यह आलेख पढ़कर , एक ब्लोगर होने के नाते मन में असीम प्रसन्नता हुई ।
आभार आपका ।
जनसंदेश टाइम्स के लोकार्पण की इस रिपोर्ट से जनसंदेश टाइम्स के प्रति काफी आशाएँ बंधतीं हैं। जनसंदेश की सम्पूर्ण टीम को बधाइयाँ और शुभकामनाएँ।
प्रमोद ताम्बट
भोपाल
http://vyangya.blog.co.in/
http://www.vyangyalok.blogspot.com/
http://www.facebook.com/profile.php?id=1102162444
एक ब्लोगर होने के नाते खुद को इस कार्यक्रम से कहीं ना कहीं जुड़ा हुआ महसूस किया
बधाई, उम्मीद है कि भ्रष्टाचार और साम्प्रदायिकता से जूझ रहे देश के आम लोगों को कुछ बल मिलेगा। जब मीडिया का विस्तार होगा तो पेड न्यूज जैसी बीमारियाँ भी दूर होंगीं। मेरे ब्लाग्स से भी सामग्री ले सकते हैं।
बड़ी तेजी से ब्लोगेर आपस मैं रिश्ते बनाने मैं सफल हो रहे हैं आशा है जल्द ही ब्लोगिंग आम जन के बीच भी अपनी पैठ बनाने मैं कामयाब हो जाएगी.
विस्तृत रपट के लिए शुक्रिया। सचमुच जनसंदेश टाइम्स से बहुत उम्मीदें हैं।
---------
समाधि द्वारा सिद्ध ज्ञान।
प्रकृति की सूक्ष्म हलचलों के विशेषज्ञ पशु-पक्षी।
जनसंदेश की सम्पूर्ण टीम को बधाइयाँ और शुभकामनाएँ।
आभार विस्तृत रिपोर्ट का.
Very surprising information...
जनसंदेश टाइम्स के लोकार्पण की इस रिपोर्ट से जनसंदेश टाइम्स के प्रति काफी आशाएँ बंधतीं हैं।
विल्कुल सही कहा आपने प्रमोद जी, इतना तय है की आने वाला समय ब्लोगिंग का ही है और यह आने वाले समय में अभिव्यक्ति का मुख्य माध्यम बनेगा, इसमें कोई संदेह नहीं है !
bahut-bahut badhai ..
Post a Comment